इन्फोसिस आईटी सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस (Infosys) एक बार फिर अपने निवेशकों को खुश करने की तैयारी में है। खबर सामने आई है कि कंपनी अपने 5वें शेयर बायबैक (Share Buyback) पर विचार कर रही है। इस घोषणा की संभावना भर से ही मंगलवार, 9 सितंबर को इन्फोसिस के शेयरों में 4.37% की बढ़ोतरी देखने को मिली और स्टॉक की कीमत ₹1,495.60 प्रति शेयर तक पहुँच गई।
क्या है बायबैक और क्यों है खास?
शेयर बायबैक का मतलब होता है कि कंपनी खुद अपने ही शेयर बाजार से खरीदती है। इससे कंपनी के पास उपलब्ध शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे बाकी शेयरों का मूल्य बढ़ सकता है। साथ ही निवेशकों का भरोसा मजबूत होता है। इन्फोसिस ने सोमवार शाम स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग देकर जानकारी दी कि उसका बोर्ड इस बायबैक प्रस्ताव पर गुरुवार, 11 सितंबर 2025 को विचार करेगा। अगर मंजूरी मिलती है तो यह कंपनी का अब तक का पाँचवाँ बायबैक होगा।
बोर्ड की बैठक में होगा फैसला
कंपनी की तरफ से जारी नियामकीय सूचना में कहा गया कि इन्फोसिस लिमिटेड का निदेशक मंडल (Board of Directors) 11 सितंबर को बैठक करेगा और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रतिभूतियों की बायबैक विनियम, 2018 के तहत अपने पूर्ण चुकता इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद पर विचार करेगा। बैठक के बाद स्टॉक एक्सचेंजों को परिणाम की जानकारी दी जाएगी।
निवेशकों में क्यों बढ़ा उत्साह?
इस खबर के सामने आते ही निवेशकों ने खरीदारी शुरू कर दी। मंगलवार को एनएसई (NSE) पर शेयर की कीमत में 4.37% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹1,495.60 तक पहुँच गई। माना जा रहा है कि निवेशकों को कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं पर भरोसा है। बायबैक से कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभ देने के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकती है।
इन्फोसिस का बायबैक इतिहास – हर बार बड़ा कदम
इन्फोसिस ने इससे पहले चार बार शेयर बायबैक किए हैं। आइए एक नज़र डालते हैं उनके इतिहास पर:
1. पहला बायबैक – 2017
इन्फोसिस ने 2017 में अपना पहला शेयर बायबैक किया था। तब ₹13,000 करोड़ की राशि में टेंडर ऑफर के तहत ₹1,150 प्रति शेयर के भाव पर लगभग 11.3 करोड़ शेयर पुनर्खरीद किए थे। यह कंपनी के लिए उस समय का एक बड़ा कदम था।
2. दूसरा बायबैक – 2019
इसके दो साल बाद, 2019 में कंपनी ने ₹8,260 करोड़ मूल्य के शेयर वापस खरीदे। यह निर्णय कंपनी के अतिरिक्त नकदी और मजबूत बैलेंस शीट को दर्शाता है।
3. तीसरा बायबैक – 2021
2021 में, वैश्विक डिजिटल बदलावों के बीच इन्फोसिस ने ₹9,200 करोड़ का एक बड़ा ओपन मार्केट बायबैक किया। इसमें अधिकतम कीमत ₹1,750 प्रति शेयर तक गई थी। आईटी क्षेत्र में मांग तेज़ होने से कंपनी ने यह कदम उठाया।
4. चौथा बायबैक – 2022
2022 में इन्फोसिस ने ₹9,300 करोड़ मूल्य के शेयर ₹1,850 प्रति शेयर के भाव पर पुनर्खरीद किए। यह उस समय की सबसे बड़ी बायबैक घोषणाओं में से एक थी।
अब अगर पाँचवाँ बायबैक मंज़ूर होता है तो यह कंपनी का निवेशकों को देने वाला एक और बड़ा तोहफा होगा।
आगे क्या होगा?
गुरुवार, 11 सितंबर को बोर्ड की बैठक होगी। अगर प्रस्ताव पास होता है तो स्टॉक एक्सचेंजों को सूचना दी जाएगी। अनुमान है कि इससे शेयर की कीमत और ऊपर जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बायबैक से निवेशकों को लाभ मिलेगा और कंपनी की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी।
इन्फोसिस का रणनीतिक दृष्टिकोण
इन्फोसिस लगातार अपने शेयरधारकों का भरोसा बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है। बायबैक के जरिए कंपनी न सिर्फ अपने शेयरों की संख्या घटाकर मूल्य बढ़ाती है, बल्कि यह संकेत देती है कि उसके पास पर्याप्त नकदी है और वह भविष्य में निवेशकों के हित को प्राथमिकता देती है। आईटी सेवा क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और डिजिटल सेवाओं की मांग के बीच यह रणनीति कंपनी को मजबूती प्रदान कर सकती है।
निष्कर्ष:
इन्फोसिस का पाँचवाँ बायबैक प्रस्ताव निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर है। इससे न सिर्फ शेयर की कीमत में उछाल आया है, बल्कि कंपनी के भविष्य को लेकर विश्वास भी बढ़ा है। गुरुवार की बैठक में बोर्ड के फैसले पर सबकी नज़रें होंगी।
अगर मंजूरी मिली तो यह निवेशकों के लिए लाभ का एक और मौका साबित होगा।
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