Iran Israel Sangharsh Bharat: CEA वी अनंथा नागेश्वरन ऐसा और इस तरीके का माहौल और ऐसा संघर्ष ज्यादा अच्छा नहीं हो सकता है। इसका असर देखने को मिला पिछले सप्ताह ही कच्चे तेल की कीमत 73-74 डॉलर प्रति बैरल इस हद तक बढ़ चुका है। ऐसा सिचुएशन भारत के लिए….
ईरान इजरायल के बीच में ही जो संघर्ष चल रहा है वह दुनिया के लिए ही नहीं भारत के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यहां तो ऑफीशियली मुख्य आर्थिक हालात को संभालने वाले सलाहकार भी अनंथा नागेश्वरन ने कहा यही दो देश पर लड़ाई ईरान इजरायल इस संघर्ष में भारत में इस दौरान काफी अच्छे रिश्ते नहीं है। Iran Israel Sangharsh Bharat उन्होंने बताया आर्थिक तौर पर वैश्विक विकास में गिरावट यह गिरावट काफी सालों तक जारी रह सकता है। यहां फिलहाल मौजूदा स्थिति के इस हालत को 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बराबर मानने से बिल्कुल इनकार कर दिया।
नागेश्वरन का कहना है अगर विकास पर भारत की बेहतरीन विकास की तरफ तेजी पर खडा उतरने ही सक्षम होता है तो काफी ज्यादा गतिशीलता के साथ आगे बढ़ता है तो आर्थिक विकास की तरफ से स्थिति काफी अच्छी हो सकती है।
Iran Israel Sangharsh Bharat इस स्थिति में आगे क्या हो सकता
Iran Israel Sangharsh Bharat उन्होंने खोलकर इस मामले पर बात एएनआई से कहा इजरायल ईरान के बीच जो संघर्ष चल रहे हैं वह भारत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं हो सकता है। इसी पिछले सप्ताह है कच्चे तेल की कीमत 73-74 डॉलर प्रति बैरल इतना बढ़ चुका है। इसके वजह से भारत में ही एक आवश्यक जोखिम भरा पैदा होता है।
इसी दौरान 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हालात इतने खराब हुई कच्चे तेल की कीमत$100 बैरल से ऊपर से भी अधिक हो गई। फिर भी भारत में इस अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए 7 प्रतिशत की विकास बनी रही थी। Iran Israel Sangharsh Bharat फिलहाल अभी कच्चे तेल की कीमत आगे कितनी बढ़ सकती है और यह सिलसिला और न जाने कितने समय तक चलती है। यह तो अभी बिल्कुल जरूरी नहीं है कि भारत के हिट पर बिलकुल खिलाफ हो। कीमत 73-74 डॉलर प्रति बैरल इतना बढ़ चुका है। इसके वजह से भारत
इस समय यह भी Iran Israel Sangharsh Bharat में मायने रखता है प्रतिस्पर्धी देशों को क्या इसी और टैरिफ दरें मिलती है। अभी फिलहाल ऐसा भी कुछ भी कहना मुश्किल होता है टैरिफ हमारे निर्यात को न जाने मुश्किल बना देंगे।
कुछ हालात ऐसे दिख रहे हैं Iran Israel Sangharsh Bharat नागेश्वरन ने कहा कि अभी कुछ इस प्रकार कहना है स्थिति 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट इस हालातो से मेल खाता है। उन्होंने अभी फिलहाल इस तरीके से बताया 2009 हालत में बड़ी वृद्धि की गिरावट एक सामना नहीं करना पड़ सकता है। यहां धीमी गति वाली घटना घट सकती है जो क्यों वर्षों तक चल सकती है।
ऐसे कुछ हालात बन रहे हैं जैसे 2008 में वैश्विक संकट से कई ज्यादा अधिक शक्तिशाली हो सकता है। सीईए ने वैश्विक यहां आर्थिक और Iran Israel Sangharsh Bharat विकास के लिए राजनीति एक प्रतिकूल स्थिति हो चुकी है। उन्होंने अभी फिलहाल इस तरीके से बताया 2009 हालत में बड़ी वृद्धि की गिरावट एक सामना नहीं करना पड़ सकता है। यहां धीमी गति वाली घटना घट सकती है जो क्यों वर्षों तक चल सकती है। इस स्थिति को देखते हुए भारतीय ने 2024-25 में 6.5 प्रतिशत अर्थव्यवस्था की दर को बेहतरीन बड़ा के रखी है। 2025-26 में, यह कुछ इस तरीके से एन उमन लगा है कि 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के इसके बीच में आसपास आएगी।
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