nobel peace prize 2025 donald trump: रवांडा‑कांगो शांति समझौते पर अमेरिकी मध्यस्थता, डोनाल्ड ट्रंप बोले—“इतनी कोशिश के बाद भी नोबेल नहीं मिलेगा!”
वॉशिंगटन डी. सी. │ nobel peace prize 2025 donald trump डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) और रवांडा ने अपने पूर्वी इलाक़ों में वर्षों से जारी हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से ––अमेरिका की मध्यस्थता में–– एक लघु‑शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बातचीत बुधवार देर रात तक चली और अंततः दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इतनी “बड़ी कोशिश” के बावजूद उन्हें शायद फिर भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने याद दिलाया कि उन्होंने पहले भी भारत‑पाकिस्तान, सर्बिया‑कोसोवो और अब्राहम अकॉर्ड्स जैसे कई मामलों में शांति लाने का दावा किया था, परंतु उन्हें कभी नोबेल नहीं मिला।
समझौते की प्रमुख बातें
- हिंसा विराम – दोनों पक्ष तुरंत प्रभाव से सशस्त्र संघर्ष रोकेंगे।
- उग्रवादी समूहों पर कार्रवाई – नॉन‑स्टेट आर्म्ड ग्रुप्स के ख़िलाफ़ संयुक्त अभियान चलाने पर सहमति।
- शरणार्थी व आंतरिक विस्थापन – शरणार्थियों की सुरक्षित घर‑वापसी और आंतरिक विस्थापितों के पुनर्वास के लिए संयुक्त तंत्र बनेगा।
- निगरानी मेकैनिज़्म – अमेरिका की अगुवाई में बहुपक्षीय निगरानी समिति हिंसा‑विराम का पालन सुनिश्चित करेगी।
nobel peace prize 2025 donald trump: ट्रंप को फिर नहीं मिलेगा शांति पुरस्कार? रवांडा-कांगो समझौते पर बोले- इतनी कोशिशों के बाद भी कोई मान्यता नहीं!
वॉशिंगटन डीसी – अमेरिका की मध्यस्थता में nobel peace prize 2025 donald trump डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और रवांडा के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ है। nobel peace prize 2025 donald trump वॉशिंगटन डीसी में हुई इस बैठक में दोनों देशों ने पूर्वी कांगो में जारी हिंसा को खत्म करने के लिए दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए। यह वार्ता देर रात तक चली, जिसमें अमेरिका की बड़ी भूमिका रही।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,
“इतनी बड़ी कोशिशों के बावजूद भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।”
ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान, सर्बिया-कोसोवो और अब्राहम समझौते जैसे कई उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा विश्व शांति के लिए काम किया, लेकिन उन्हें कभी मान्यता नहीं मिली।
ट्रंप का तंज: “ओबामा को मिला, मुझे क्यों नहीं?”
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“बराक ओबामा को शुरुआती दिनों में ही नोबेल मिल गया, जबकि मैंने भारत‑पाक, सर्बिया‑कोसोवो, अब्राहम अकॉर्ड्स और अब रवांडा‑कांगो में शांति के लिए ज़्यादा ठोस काम किया। फिर भी पुरस्कार की कोई उम्मीद नहीं दिखती।”
पूर्व राष्ट्रपति ने आगे जोड़ा कि अगर उन्हें नोबेल नहीं दिया गया तो भी वे “दुनिया के हर युद्ध को रोकने” की कोशिश जारी रखेंगे, चाहे वह रूस‑यूक्रेन हो या इजरायल‑ईरान।
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 पर नज़र
- नोबेल समिति अक्टूबर 2025 में विजेता की घोषणा करेगी।
- वैश्विक शांतिदूतों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और जलवायु‑संबंधी पहल करने वालों के नाम भी दावेदारी में बताए जा रहे हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम चयन में “ट्रांसफ़ॉर्मेटिव इम्पैक्ट” और “लॉन्ग‑टर्म पीसबिल्डिंग” को सबसे अधिक वज़न दिया जाएगा।
रवांडा-कांगो समझौते में अमेरिका की भूमिका
nobel peace prize 2025 donald trump डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और रवांडा ने पहली बार एक ठोस शांति समझौते पर दस्तखत किए हैं। यह कदम पूर्वी कांगो में दशकों से जारी हिंसा को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी शुरुआत माना जा रहा है। अमेरिका की भूमिका केवल मध्यस्थता तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरी प्रक्रिया को समन्वित और नियंत्रित भी किया गया।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया: नोबेल की आस अधूरी
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा:
“मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की बात की, सर्बिया-कोसोवो के बीच युद्ध रोका, अब्राहम समझौते करवाए, फिर भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला। अब रवांडा और कांगो के बीच समझौता हुआ है, जिसकी नींव भी हमने रखी – लेकिन मुझे फिर भी कोई सम्मान नहीं मिलेगा।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर वह दुनिया के हर युद्ध को भी रोक दें – चाहे वो रूस-यूक्रेन हो या इज़रायल-ईरान – “फिर भी शायद मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।”
भारत-पाकिस्तान को लेकर भी जताई नाराज़गी
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति की पहल की थी, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
समझौते की प्रमुख बातें
रवांडा-कांगो समझौते के अंतर्गत:
- सीमा पार हिंसा रोकने के लिए स्थायी निगरानी व्यवस्था बनेगी
- नॉन-स्टेट ग्रुप्स (उग्रवादी समूहों) का समाधान किया जाएगा
- शरणार्थियों और आंतरिक विस्थापितों की पुनर्वापसी की योजना बनेगी
- हथियारों के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध लागू किया जाएगा
क्या 2025 में ट्रंप को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार?
डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदें अभी भी कायम हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि वह वैश्विक शांति के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, उसकी आखिरकार दुनिया को मान्यता देनी चाहिए। लेकिन क्या nobel peace prize 2025 donald trump उन्हें मिलेगा या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।
निष्कर्ष
nobel peace prize 2025 donald trump रवांडा‑कांगो समझौता निश्चित रूप से मध्य अफ़्रीका के लिए आशा की किरण है। डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार पाने की हसरत चाहे पूरी हो या न हो, लेकिन अगर यह ताज़ा समझौता स्थायी शांति की दिशा में ठोस क़दम साबित होता है, तो विश्व समुदाय के लिए यह स्वयं में एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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